السبت، 14 أبريل 2018

مطلب...موت..بقلم المبدع // عماد الدين التونسي

مطلب...موت..!!
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سيّدي...
هل صنعتَ...
حين كنتَ...
طفﻻ...يغار..!
طائرات من ورق..؟
علّمونا...
أن الورق لا يقتل...
لكنّ طائراتك تقتل..!
منها...
نهرع...نفزع..!
نتعثر..نتبعثر..!
سّيدي...
حين كنتُ..!
رسمتُ..
سماءً..زرقاء..
من ورق..
وطيورًا..سوداء..
من ورق..
أين كانت طائراتك.!؟
لو أعود..!
لمحوتُ..!
وبلوني..الغبار..!
لو أعود..!
لِتعود السّماوات..
وتعود الطّائرات..
من ورق..!!
سيّدي..
أنا...طفل الستّين..!
شاب شعري..!
قبل أن ينبت... و يلين..!
الآن...
أنتظر... لحظتي..!
و تُهمتي...
طائرات من ورق..!
قد صنعت الكثير..!
وفقدت الكثير..!
الآن...
أنتظر..مصعدي..!
و قبلتي...
رماد السّماء..!
سيّدي...
أريد...موتا سريعا..!
فأطلق النّار... على رأسي..!
في مكان لا يُؤلم..!
لا أُريد... و أنا الصّغير...
أن أكون...
حفنة عظام صفراء..!
و بقايا شفاه زرقاء..!
كلون سماء...
كنت أرسمها..!
لا أريد... و أنا الطريد...
أن أكون...
جُثّة هامدة..!
لا أريد الإختناق..!
لا أريد الإحتراق..!
سيّدي...
أريد موتا..!
أسرع من الرياح..!
أسرع من الطّائرة..!
أسرع من ساعة الحائط..!
من توقّفت..!!!
وإكتساها... غبار كثيف..!
وأنا...تهجرت..!!!
وإعتراني أنين مخيف..!
بل قبيح..!!!
كلون الرّماد..!
كأرض..دفنت ألوانها..!
فإحمر... أفقها..!
وإسود..!
كعاصفة النواح..!
سيّدي...
هذا مطلبي..
فهل تقبل إدارة التأشيرات..!
مطالب إرادة الأموات..!!!!!!
مع الشّكر....!؟
إنتهى...!!!
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عماد الدين التونسي

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